ज्ञान


सर्वोपरि क्षत्र है, सहस्त्र कोटि लिप्त ज्ञान।

अंतहीन अविरत है, संसार से बृहदद ज्ञान।

सुगम प्राप्ति निषेध है, करुणापूर्वक अनुसंधान ज्ञान।

काल विसंगत अनाश्रित है, विषिष्ट आचरण चित्र ज्ञान।

, , ,

Leave a Reply

%d bloggers like this: